hindi moral story in 1000 words

बच्चों, यह कहानी है एक छोटे से गांव के एक गरीब लड़के श्याम की, जिसने अपनी मेहनत और संघर्ष से अपने जीवन को सफलता की ओर ले जाने का संकल्प लिया।

श्याम का गांव एक सुंदर तालाब  के किनारे बसा था। उसके माता-पिता की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर थी, लेकिन वे अपने छोटे बेटे की शिक्षा में कोई कमी नहीं करते थे। श्याम की माता उसे हमेशा यह सिखाती रही कि मेहनत करने वाले कभी हार नहीं मानते, चाहे वो जीवन कितना भी मुश्किल क्यों न हो।

श्याम ने अपनी माता के उपदेश को अपनी जिंदगी का मूल मंत्र लिया। वह रोज़ सुबह सूरज निकलते ही तालाब के किनारे जाकर पेड़ों की पांखड़ियों को इकट्ठा करता और बेचता। यह काम उसका बड़ा संघर्षपूर्ण था, क्योंकि पेड़ों की पांखड़ियों को उखाड़ना और संग्रहण करना काफी कठिन होता था। लेकिन श्याम की मेहनत और आत्मसमर्पण की बदौलत, वह हमेशा सफल होता रहा।

एक दिन, तालाब  के पास एक पुराना रमेश आया। उसने श्याम से पूछा, “तू इतनी मेहनत क्यों करता है? क्या तुझे कभी थकान नहीं महसूस होती?”

श्याम ने मुस्कराते हुए उत्तर दिया, “जी, मैं जानता हूँ कि मेहनत करने से थकान तो होती है, लेकिन मेरे माता-पिता ने मुझे सिखाया है कि मेहनती लोग कभी हार नहीं मानते। मैं यह जानता हूँ कि मेरी मेहनत का फल मुझे जरूर मिलेगा।”

रमेश चिंतित हो गया और उसने श्याम से कहा, “तूने सही कहा। मैं तुझसे सिखना चाहता हूँ। क्या तू मुझे अपनी मेहनत में शामिल करेगा?”

श्याम ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया और उन दोनों ने मिलकर मेहनत की। रमेश सिखने के बाद श्याम ने उसे दिखाया कि कैसे अपनी पांखड़ियों को सही तरीके से इकट्ठा करना है और कैसे बेचना है।

वक्त बीतते बीतते, रमेश ने श्याम से कहा, “मेरे दोस्त, तूने मुझे न सिर्फ मेहनत करना सिखाया, बल्कि तुझने मुझे यह भी सिखाया कि आत्मविश्वास और सही दिशा में कदम बढ़ाने से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। मैं तुझे आभारी हूँ।”

रमेश अब स्वयं को बेहद सफल महसूस करता था। वह श्याम के गांव के सभी लोगों के सामने अपनी कहानी साझा करने लगा, जिससे वे सभी भी प्रेरित हो गए।

गांववाले ने श्याम की मेहनत और रमेश की मेहनत की कड़ी प्रशंसा की और उन्होंने साथ मिलकर एक स्कूल बनाने का निर्णय लिया। गरीबी के बावजूद, उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझा और बच्चों के लिए एक बेहतर भविष्य तैयार किया।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मेहनत, संघर्ष और सही दिशा में कदम बढ़ाने से कोई भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। चाहे आप गरीब हो या अमीर, आत्मविश्वास और मेहनत से आप अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही, हमें यह भी सिखने को मिलता है कि शिक्षा की महत्वपूर्णता को समझना और उसे प्राथमिकता देना चाहिए, क्योंकि शिक्षा ही हमें समृद्धि और सफलता की ओर ले जा सकती है।

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