ईमानदारी का फल bacchon ke kahani story for kids in hindi
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किसी गांव में श्याम नाम का एक व्यक्ति रहता था। पर वो कुछ काम नहीं करता था पूरे दिन बस घर में या तो आराम करता या फिर इधर उधर घूम लेता पर वो था तो बोहोत दयालु और ईमानदार।उसकी उम्र लगभग शादी के लायक हो गई थी। उसके माता पिता ने ये सोच कर कि शायद शादी की जिम्मेदारियां सर पर आने के बाद श्याम कुछ काम करने लगे। श्याम की शादी करवा दी।श्याम की शादी राधा नाम की एक लड़की से हुई। जो रूपवती के साथ साथ गुणवती भी थी। शादी के कुछ दिनो बाद राधा ने श्याम से बोला,” जी आप कुछ काम क्यूं नही करते? आपकी शादी इसलिए कराई गई थी ताकि शादी के बाद आपको आपकी जिम्मेदारियों का पता चले और आप कुछ काम धंधा करें।श्याम,”राधा मैं जानता हूं । पर मैं क्या करूं जहां भी जाता हूं मुझे अपने लायक कोई काम ही नहीं मिलता।राधा ने मन ही मन सोचा हम्म्म ये ऐसे तो काम नही करेंगे मुझे ही कुछ करना पड़ेगा।ये सोच कर राधा बोली,” जी आप दूसरे गांव में जाकर कोई काम क्यूं नही ढूंढते? क्या पता वहां आपको कोई काम मिल जाए। श्याम बोला ठीक है कोशिश करके देखता हुं।अगले दिन राधा ने श्याम के लिए खाना और पानी उसके थैले में रख दिया और कहा कि रास्ते में भूख लगे तो खा लीजिएगा। ठीक है! श्याम चल दिया और दूसरे गांव में पहुंच गया। वहां उसे एक आदमी मिला जो शक्ल से चोर लग रहा था। आदमी ने श्याम से पूछा,”तुम कौन हो? मैने तो यहां तुम्हे पहले कभी नहीं देखा। श्याम को पता नही था कि ये गांव चोरों और डाकुओं से भरा हुआ है। यहां आए दिन चोरों होती है। श्याम ने उस आदमी को बताया,”कि हां साहब मैं इस गांव का नही हूं मैं दूसरे गांव से यहां काम की तलाश में आया हूं।
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आदमी बोला की अरे थोड़ा आगे तो चलो मैं दिखाता हूं इतना कह कर वो आदमी श्याम को एक खंडर में ले गया और वहां जाके श्याम को लूट लिया श्याम के पास कुछ पैसे थे जो उस आदमी ने श्याम से छीन लिए। पर थैले में तो खाना था वो आदमी ने श्याम को ही देते हुए बोला हट इसमें तो कुछ नही है मुझे लगा था की इसमें जरूर कुछ माल़ होगा श्याम ने कहा तुम तो भले आदमी लगते थे इसलिए मैने तुम पर भरोसा किया मुझे क्या पता था की तुम भी चोर ही हो आदमी,”अबे तू कितना बड़ा मूर्ख है जब मैने बताया था कि ये गांव चोरों से भरा हुआ है तो तूने मुझपे भरोसा कैसे कर लिया बड़ा ही बेवकूफ है रे तू! और फिर वो आदमी हस्ता हुआ वहां से चला गया।उस आदमी ने मन ही मन सोचा कि अरे वाह! लगता है इसे इस गांव के बारे में कुछ नही पता क्यों ना आज इसे ही लूट लिया जाए और इसके थैले में भी कुछ न कुछ तो मिल ही जाएगा ये सोच कर वो बहुत खुश होने लगा।उसने श्याम से कहा,” भाई तुम यहां इस गांव में काम ढूंढने आए हो अरे ये गांव तो चोरों और लुटेरों से भरा हुआ है। तुम आओ मेरे साथ मैं तुम्हे काम दिलवाता हूं। श्याम ने उसकी बात मान ली । और उसके साथ चल दिया। एक सुनसान रास्ते पर पहुंच कर श्याम बोला,” भाई ये तुम मुझे कहां ले आए हो यहां तो कोई भी नही है।
श्याम मायूस होता हुआ वापस अपने घर की ओर चल दिया श्याम सोचने लगा कि हे भगवान! मेरी तो किस्मत ही खराब है क्या सोच कर आया था और क्या हो गया अब मैं राधा को क्या बताऊंगा। श्याम ये सब सोच ही रहा था कि उसने देखा की एक हिरण घायल अवस्था में है शायद किसी ने उस पर हमला कर दिया वो हिरण दर्द से कराह रहा था श्याम ने जल्दी से अपने गमछे से थोड़ा कपड़ा फाड़ कर हिरण के घाव पर लगा दिया जिससे हिरण का खून निकलना बंद हो गया। कपड़ा लगाते ही हिरण एक परी के रूप में बदल गया। परी बोली श्याम तुम बोहोत दयालु हो में तुम्हारी उदारता से बोहोत प्रसन्न हुई और मैं ये भी जानती हु की तुम काम की तलास में यहां आए थे पर तुम्हे लुटेरे ने लूट लिया ।कोई बात नही ये को ये जादुई पत्थर है इसको अपने साथ ले जाओ जब भी तुम इससे कुछ मांगोगे वो तुम्हे मिल जाएगा।पर याद रहे अगर तुम्हारे मन में लालच आ गया तो तुम्हारे साथ बोहोत बुरा होगा।इतना कह कर परी गायब हो गई और श्याम उस जादुई पत्थर को लेकर अपने घर आ गया और अपना जीवन खुशी खुशी बिताने लगा।