lal pari story in hindi for kids
लाल परी Lal Pari का श्राप bacchon ki kahani in hindi
Lal pari ka shrap किसी गांव में एक लकड़हारा रहता था वो बहुत लालची था वो और उसकी पत्नी गांव के सभी लोगो को ठगते। लकड़हारा जंगल से लकड़ियां काटता और बाजार में ज्यादा दामों में बेचता उस गांव में उसके अलावा और कोई ये काम नही करता जिसका वो और उसकी पत्नी फायदा उठाते थे। एक बार लकड़हारा जंगल में लकड़ी काटने गया। वहां उसे एक चूहा दिखाई दिया जो लकड़हारे के पास गया और बोला हे लकड़हारे तुम ये लकड़ियां क्यू काटते हो ऐसे तो ये पूरा जंगल नष्ट हो जाएगा और फिर यहां के जानवरो का क्या होगा उनके बारे में सोचो और ये लकड़ियां काटना बंद कर दो।
लकड़हारा चिल्लाते हुए बोला तुम्हारी इतनी हिम्मत की इतने छोटे से हो और मुझे ये ज्ञान दे रहे हो तुम्हे पता भी है इसी से मेरा घर चलता है अगर ये नही करूंगा तो मैं भूखा मर जाऊंगा हटो यहां से मुझे मेरा काम करने दो वरना जैसे इस पेड़ को काट रहा हूं ऐसे ही तुम्हे भी मार दूंगा।
चूहा वहां से चला गया और लकड़हारा भी लकड़ियां काट कर अपने घर चला गया। चूहा रास्ते में जा रहा था तो उसे एक खरगोश मिला जिससे उसने लकड़हारे की सारी बाते बताई खरगोश बोला कुछ तो करना ही पड़ेगा वो दोनो बाकी जानवरो के पास गए और इस मसले पर बात करने लगे। की तभी सभी जानवरों को परेशान देख कर एक लाल परी lal pari वहां प्रकट हुई उन्होंने बोला, तुम सब इतना परेशान क्यों हो क्या कोई विपदा आने वाली है तभी खरगोश बोला हां अगर जल्दी कुछ न किया गया तो विपदा आ ही जाएगी।
परी बोली अच्छा क्या हुआ है मुझे बताओ खरगोश ने बताया की एक लकड़हारा है जो हर रोज जंगल से बहुत सी लकड़ियां काट कर ले जाता है और वो इतना अभिमानी है की किसी की बात भी नहीं सुनता। परी बोली ठीक है में कुछ करती हूं तुम सब जाओ।
एक काम करो जब कल लकड़हारा आएगा तब तुम उससे एक बार फिर विनती करना अगर वो मान जाता है तो ठीक है अगर वो फिर भी नही मानता तो उसको अच्छा सबक मिलेगा।
अगले दिन लकड़हारा आया इस बार खरगोश उसके सामने आया और उससे विनती करने लगा हे लकड़हारे कृपया करके तुम ये लकड़ियां काटना बंद कर जी दो ।
लकड़हारे को बोहोत गुस्सा आ गया और उसने खरगोश को हटा कर दूर फेंक दिया और बोला अब कोई मेरे रास्ते में मत आना नही तो मार दिए जाओगे लकड़हारे ने लकड़ियां काटी और बाजार में बेचने गया जब वो लकड़ियां जमा रहा था तब उसने देखा की उसकी सारी लकड़ियां सूखी हुई हैं लकड़हारे ने सोचा अरे जब मैं लकड़ी काट रहा था तब तो सब सूखी थी फिर ये सब गीली कैसे हो गईं?उस दिन तो लकड़हारे की कोई भी लकड़ी नही बिकी और न ही उसने कुछ कमाया। घर गया तो उसकी पत्नी ने बोला अजी क्या हुआ आप इतने उदास क्यों हैं लकड़हारे ने सारी बात अपनी पत्नी को बताई। उसकी पत्नी ने कहा कोई बात नही आप कल तो जाएंगे ही तब शायद अच्छे पैसे कमा लें आप चिंता मत कीजिए और खाना खाइए दोनो खाना खा कर सो गए
अगले दिन फिर लकड़हारा जंगल में लकड़ी काटने गया और इस बार भी उसकी लकड़ियां भीगी हुई उसे मिली ऐसा उसके साथ हर दिन होने लगा वो समझ नही पा रहा था की ऐसा क्यू हो रहा है जब लकड़ी काटता हूं तब तो सब सूखी हुई होती हैं फिर वो अपने आप गीली कैसे हो जाती है अब हर दिन कमाई न होने के कारण वो और उसकी पत्नी भूखे ही रहने लगे। लकड़हारा उदास अपने घर के पीछे बैठा था की तभी वहां वो लाल परी lal pari आ गई और बोली क्या हुआ लकड़हारे तुम इतने उदास क्यों हो और आज तुम जंगल भी नही गए
लकड़हारे ने जवाब दिया, अब वहां मेरे काम का कुछ नही बचा हर रोज जब लकड़ी काटता हूं तब तो सब सूखी होती है फिर पता नही वो गीली कैसे हो जाती है जिस कारण ना तो मेरी कोई कमाई हो पा रही है और न ही मैं और मेरी पत्नी खाना खा पा रहे हैं क्या करू समझ नही आ रहा।
परी बोली मैंने ही जंगल की सारी लकड़ियों में जादू किया है ताकि तुम लकड़ियां न काटो तुम्हे पता है वो जंगल कितने सारे जानवरो का घर है अगर वो ही नही बचा तो वो बेचारे जानवर कहां जाएंगे तुम इतना घमंडी हो गए थे की तुम किसी की बात नही सुन रहे थे इसलिए मुझे ये सब करना पड़ा।
लकड़हारा परी के पैरो में गिर गया और बोला हा परी मैं समझ गया मुझे मेरे घमंड की वजह से कुछ दिखाई नही दे रहा था अब मैं सब समझ चुका हुं मुझे माफ कर दो
परी बोली एक शर्त है आज के बाद तुम कोई काम करना शुरू करो और जंगल से लकड़ियां काटना बंद कर दो मेरा आशिर्वाद है की तुम जो भी काम करोगे उसमें तुम्हे सफलता जरूर मिलेगी पर याद रहे कभी दुबारा घमंड मत करना लकड़हारे ने परी की बात मान ली और कभी घमंड नहीं किया और न फिर कभी जंगल की ओर गया।
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